न्योला बीन बजा रहा ,मस्त सर्प दुलराय |
गठबंधन को देखकर ,भैंस खड़ी पगुराय ||
पैर दवाये मास्टर ,पञ्च ...बड़ा रंगवाज़ |
पंचायत खुद खींचती ,फिरे द्रोपदी-लाज||
नारे गूंगे हो गये ,.........पंगु हुए सन्देश |
नीम-हकीमो से घिरा ,रोगग्रस्त परिवेश ||
झंडे-झंडे दल बने ...........,डंडे-डंडे हाथ |
पंडे-पंडे नीतियां,कौन ...निभाये साथ ||
सत्ता की हर दाल पर,बैठे शातिर लोग|
देश-भक्ति पेशा बनी,घोटालों का रोग||
@@@@@@@@@@@@@@@@ दिनेश रस्तोगी
No comments:
Post a Comment